श्याम और चंचल: सच का जादू

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श्याम और चंचल: सच का जादू

चालाक लोमड़ी श्याम झूठ बोलकर सबसे मीठा आम पाना चाहता था, लेकिन एक छोटी चिड़िया ने उसका पर्दाफाश कर दिया। इस कहानी से सीखें कि सच बोलना कितना महत्वपूर्ण है!

एक छोटे से गाँव में, जहाँ रंग-बिरंगे फूलों से भरे खेत थे, एक चालाक लोमड़ी रहती थी जिसका नाम था श्याम। श्याम को झूठ बोलना बहुत पसंद था। एक दिन, गाँव के सभी जानवरों ने एक बड़ा सा उत्सव मनाने का फैसला किया। उत्सव में, सबसे मीठा और रसीला आम चुनने का एक प्रतियोगिता होना था।

श्याम ने सोचा, “मुझे सबसे मीठा आम चाहिए, पर मेरा तो कोई आम ही नहीं है!” वो एक योजना बनाने लगा। उसने गाँव के सबसे ईमानदार हाथी, मोहन से कहा, “मोहन भाई, मुझे पता है तुम जंगल के सबसे बड़े पेड़ पर सबसे मीठा आम देखे हो। मुझे बताओ वो कहाँ है, मैं खुद जाकर लाऊँगा।”

मोहन ने श्याम को रास्ता बताया। श्याम जंगल में गया, पर उस पेड़ पर नहीं, बल्कि पास के दूसरे पेड़ से एक छोटा सा, पक्का आम तोड़ लाया। उत्सव में, उसने सबको बताया की उसने जंगल के सबसे बड़े पेड़ से ये आम तोड़ा है। सब लोग उसके झूठ पर विश्वास कर गए।

लेकिन एक छोटा सा चिड़िया, चंचल, सब देख रहा था। चंचल ने श्याम के झूठ को पकड़ लिया था। वो उत्सव के दौरान श्याम के पास गया और चुपचाप उसके कान में फुसफुसाया, “तुम्हारा आम तो उस छोटे पेड़ से है!”

श्याम डर गया। उसे एहसास हुआ की उसके झूठ का पर्दाफाश हो गया है। उसने सबके सामने सच बता दिया। गाँव वालों ने उसे माफ़ कर दिया क्योंकि वो अपनी गलती समझ गया था। लेकिन श्याम ने चंचल को धन्यवाद दिया, क्योंकि उसने उसे सच बोलने की ताकत दी थी।

उस दिन के बाद, श्याम ने हमेशा सच बोलना सीखा। वो समझ गया कि सच बोलना, झूठ बोलने से ज़्यादा बेहतर है, भले ही शुरुआत में मुश्किल क्यों न लगे।

यह कहानी हमें सिखाती है कि सच बोलना कितना ज़रूरी है। भले ही झूठ बोलने से कुछ फायदा हो, लेकिन अंत में सच हमेशा सामने आता है। ईमानदारी और सच्चाई ही जीवन में सफलता का मूल मंत्र है। झूठ बोलने से हम दूसरों को और खुद को भी नुकसान पहुँचाते हैं।

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